#MeToo: विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने अपने पद से दिया इस्तीफा, 20 महिला पत्रकार गवाही देने के लिए तैयार

एमजे अकबर पर पिछले दिनों मी टू अभियान के तहत कुछ महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। महिलाओं का आरोप है कि विभिन्न संस्थानों में संपादक रहते हुए उन्होंने उनका शोषण किया था। 

विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन पर मीटू अभियान के तहत एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। भाजपा सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में पहली बार किसी मंत्री ने इस्तीफा दिया है। बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। बता दें कि यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे एम जे अकबर मामले की बृहस्पतिवार 18 अक्तूबर को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होनी है। दूसरी तरफ मंत्री के खिलाफ गवाही देने वाली महिला पत्रकारों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। अब प्रिया रमानी समेत इस मामले में गवाही देने वाली पत्रकारों की संख्या 20 हो गई है।इससे पहले एम जे अकबर ने मी टू अभियान में यौन शोषण के आरोप लगाये जाने पर महिला पत्रकार प्रिया रमाणी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उन्होंने विदेश यात्रा से रविवार को लौटने के बाद अपने ऊपर 10 से अधिक महिलाओं के लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया था। अकबर पेशे से पत्रकार, लेखक और भारतीय राजनेता हैं। वर्तमान में वह मोदी सरकार में विदेश राज्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं और मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। 5 जुलाई, 2016 को उन्हें पीएम  नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया था। 1971 में उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से ट्रेनी के तौर पर अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की थी। वह एशियन एज और डेक्कन क्रॉनिकल के संपादक रह चुके हैं। इसके साथ ही वह साप्ताहिक समाचारपत्र द संडे गार्डियन के संपादकीय निदेशक और संस्थापक रह चुके हैं। इसके बाद राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय रहने के लिए उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी थी। वह कई बड़े मीडिया हाउस और पत्रिकाओं से जुड़े रहे हैं। जिसमें इंडिया टुडे, हेडलाइंस टुडे, द टेलिग्राफ, द एशियन एज और डेक्कन क्रॉनिकल नाम शामिल हैं।

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